जो इंसानियत को तड़पते देखकर भी, मुंह फेर लेता है,,
उस पर मेरे दोस्त, किसी दावा का असर कहाँ होता है..!!
ऐसे इंसानों के लिए बस यही कहना चाहूँगा मित्रों,,
कि,
"दूसरों के ग़मों को देखकर, जो मंद-मंद मुस्काता है,,
कुछ न कुछ रोज़.. उसके जिस्म में मर जाता है..
इतनी हैवानियत भर ली है, उसने अपने अन्दर,,
के अब आइना भी उसे देखता है, तो डर जाता है..!!" #VicharonKiUdan By-Doc Ravi
nice!
ReplyDeleteShukriya vidisha ji.. :)
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