प्रिय मित्रों,
आँसू रिश्ते और ख्वाब,,
टूटते हैं लेकिन छूटते नहीं..!!
वो जो दर्द दफ़न किया था, दिल की गहरी खाइयों में,,
आज फिर दिखने लगा है, मेरी ही परछाइयों में..!!
एक सच जो न पिया जाता है, न उगला जाता है,,
लाख रोकने के बावजूद, गले तक चला आ जाता है..!!
आज फिर से ये लावा बनकर उबल रहा है,,
सुनामी की लहरों की मानिंद मचल रहा है..!!
फिर वही वीरान रातें आ खड़ी हैं उजाले की आस में,,
फिर वैसे ही भटक रहा हूँ एक नींद की तलाश में..!!
आज फिर दिखने लगा है, मेरी ही परछाइयों में..!!
एक सच जो न पिया जाता है, न उगला जाता है,,
लाख रोकने के बावजूद, गले तक चला आ जाता है..!!
आज फिर से ये लावा बनकर उबल रहा है,,
सुनामी की लहरों की मानिंद मचल रहा है..!!
फिर वही वीरान रातें आ खड़ी हैं उजाले की आस में,,
फिर वैसे ही भटक रहा हूँ एक नींद की तलाश में..!!
फिर ये कमीना दिल दोगला हो गया है,,
प्यार बाँटते-बाँटते शायद खोखला हो गया है..!!
कभी तो मीठे आश्वासनों से मुझे तसल्ली देता है,,
और कभी-कभी कमबख्त सब सच उगल देता है...!!
माँ, आज फिर तेरे प्यार की दरकार है,,
तुझसे दो बूँद भी मिले तो स्वीकार है..!!
ये तेरा प्रेम ही तो है..
जिसने हर हालात में जीना सिखा दिया,
घाव कैसा भी हो, उसे सीना सिखा दिया..!!
ये तेरा प्रेम ही तो है..
जिसने मेरी रूह को मुझसे मिला दिया,
मेरी रूकती हुयी साँसों को फिर से चला दिया..!!
जानता हूँ मजबूरी तेरी, पर यूँ न मुझपर कहर बरसा,,
मुझसे चाहे बात न कर, पर प्यार के लिए और मत तरसा...!!
Comments
Post a Comment