रूठ गयी फिर मोहब्बत मुझसे, मेरी तन्हाई भी खफा हो गयी,, न जाने किस गुनाह ने, बनाया फिर गुनहगार मुझे, मेरी चाहत फिर बे-वफ़ा हो गयी..!! फिर दूर हो गयीं सब चाहतें मुझसे, उनकी बातें भी अब जुदा हो गयीं,, मेरी खताओं कि सज़ा मुझको दी, पर तेरी खताएं तो अदा हो गयीं..!!
v.well said
ReplyDeleteThanx Sir....
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