कई दिनों से मैंने राजनीति पर, ऐसा कुछ नहीं लिखा…
जो बताये राजनीति क्या है, और उसका प्रतिबिम्ब दे दिखा..
राजनीति की प्रतिबिम्ब्ता, सीमित है अंधियारों में…
आईये आपको ले चलता हूँ, संसद के गलियारों में..
इस संसद में बिन पेंदी के लोटे, समूहों में दिखते हैं..
कभी यहाँ कभी वहाँ, स्वार्थ जहाँ हो बिकते हैं ..
सुबह सपा में तो शाम को, बसपा में नज़र आते हैं…
इस संसद में ऐसे दृश्य, अक्सर नज़र आते हैं…
ताज्जुब की बात है…….
कुछ नेता केंद्र पर शासन के लिए भी, करते हैं लडाई…
पढ़े लिखों पर शासन वो करेंगे, जिन्होंने कभी न की पढाई…
सोचने की बात है…
जिस देश में लोग IAS, PCS, डाक्टर इत्यादि बन जाते हैं..
वहीँ लोग ना जाने क्यों, राजनीति में जाने से घबराते हैं…
देखना एक दिन जब युवा लोग, संसद में जायेंगे…
तभी वास्तविकता में भारत को, स्वतंत्र बनायेंगे….
पर डरता हूँ की वो दिन आते आते, कहीं ना रह जाये…
युवा शक्ति के इंतज़ार में, बूढ़े भारत का लोकतंत्र ना ढह जाये…
जो बताये राजनीति क्या है, और उसका प्रतिबिम्ब दे दिखा..
राजनीति की प्रतिबिम्ब्ता, सीमित है अंधियारों में…
आईये आपको ले चलता हूँ, संसद के गलियारों में..
इस संसद में बिन पेंदी के लोटे, समूहों में दिखते हैं..
कभी यहाँ कभी वहाँ, स्वार्थ जहाँ हो बिकते हैं ..
सुबह सपा में तो शाम को, बसपा में नज़र आते हैं…
इस संसद में ऐसे दृश्य, अक्सर नज़र आते हैं…
ताज्जुब की बात है…….
कुछ नेता केंद्र पर शासन के लिए भी, करते हैं लडाई…
पढ़े लिखों पर शासन वो करेंगे, जिन्होंने कभी न की पढाई…
सोचने की बात है…
जिस देश में लोग IAS, PCS, डाक्टर इत्यादि बन जाते हैं..
वहीँ लोग ना जाने क्यों, राजनीति में जाने से घबराते हैं…
देखना एक दिन जब युवा लोग, संसद में जायेंगे…
तभी वास्तविकता में भारत को, स्वतंत्र बनायेंगे….
पर डरता हूँ की वो दिन आते आते, कहीं ना रह जाये…
युवा शक्ति के इंतज़ार में, बूढ़े भारत का लोकतंत्र ना ढह जाये…
Comments
Post a Comment