बादल में आँखें मूँद कहीं, जो छिपी हुयी थी बूँद कहीं अलसाई किरणों सी आ के , धरती पे मुस्कायी है.... परी कहाँ से आयी है...ये परी कहाँ से आयी है.... छोटी उंगली, बंद है मुट्ठी,, टिमटिम आँखें प्यारी सी... झट देखे और झट सो जाए, चंचल राजदुलारी सी जीभ निकाले, कनखी मारे,, घूरे आते जाते को अलग नज़रिया देती जाये,, सारे रिश्ते नाते को बड़े रुतों के बाद नयन में,, 'रुत झिलमिल' सी छायी है परी कहाँ से आयी है...ये परी कहाँ से आयी है.... मम्मी-पापा की आँखों में,, ढूंढें एक कहानी को सफ़र की सारी बात बताये,, बगल में लेटी नानी को वक़्त ने करवट बदला देखो,, ख़ुशी ने ली अंगड़ाई है परी कहाँ से आयी है......ये परी कहाँ से आयी है...