जुदाई हो के मिलन हर अदा हमारी है,
तुम्हारा शहर है लेकिन फिजा हमारी है..!!
शिकायतें भी करें हम तो किस ज़बान से करें,
खुदा बनाया हमने ये खता हमारी है..!! [खता=mistake]
हमारे जिस्म की उरियानत पे मत हँसना,
के तुम जो ओढ़े हुए हो वो रिदा हमारी है..!! [उरियानत=nakedness/nudity; रिदा=cloak/sheet]
हमारे सामने ज़ेबा नहीं गुरूर तुम्हें,
जहां पे बैठे हो तुम वो जगह हमारी है..!! [ज़ेबा नहीं=does not suit; गुरूर= pride]
[जगह=place]
vaah....! very nice poem!
ReplyDeleteThanx Vidisha Ji :)
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