किसी प्यार करने वाले की, बात मत पूछो,,
चाहत की लौ में खुद को, पतंगे की तरह जलाते हैं..!!
मत पूछो कितना सुलग रहा, मेरे सीने में ग़म,,
कभी ये शमा बुझाते हैं, तो कभी वो शमा बुझाते हैं..!!
मेरे हर आंसू में होती है, नीलम सी चमक,,
पर अफ़सोस...ये दुनिया वाले इसे न देख पाते है..!!
चाहत की लौ में खुद को, पतंगे की तरह जलाते हैं..!!
मत पूछो कितना सुलग रहा, मेरे सीने में ग़म,,
कभी ये शमा बुझाते हैं, तो कभी वो शमा बुझाते हैं..!!
मेरे हर आंसू में होती है, नीलम सी चमक,,
पर अफ़सोस...ये दुनिया वाले इसे न देख पाते है..!!
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