हर तरफ मचा है शोर
कदम कदम पे फैला अन्याय घोर,
चारों और घना अँधियारा है
बापु क्या ये देश तुम्हारा है?
लोकतंत्रका बस नाम है
होते भ्रष्टतंत्रसे सब काम है,
झुट फरेब को यहाँ सहारा है
बापु क्या ये देश तुम्हारा है?
सच्चाई का यहाँ होता मुह काला
छिनजाता है गरीबोंके मुह का निवाला,
स्वार्थ में बचा न भाईचारा है
बापु क्या ये देश तुम्हारा है?
नाम तुम्हारा है लेकर चलते
आचरण कहींभी न तुमसे मिलते,
विचारधारा को आज तुम्हारी ललकारा है
बापु क्या ये देश तुम्हारा है?
सेवक तुम्हारा आज मैदान में खड़ा
तुम्हारे अपनोंसे ही पाला पड़ा,
फिर एक बार तुम्हारी विचारधारा को मारा है
बापु क्या ये देश तुम्हारा है?
कदम कदम पे फैला अन्याय घोर,
चारों और घना अँधियारा है
बापु क्या ये देश तुम्हारा है?
लोकतंत्रका बस नाम है
होते भ्रष्टतंत्रसे सब काम है,
झुट फरेब को यहाँ सहारा है
बापु क्या ये देश तुम्हारा है?
सच्चाई का यहाँ होता मुह काला
छिनजाता है गरीबोंके मुह का निवाला,
स्वार्थ में बचा न भाईचारा है
बापु क्या ये देश तुम्हारा है?
नाम तुम्हारा है लेकर चलते
आचरण कहींभी न तुमसे मिलते,
विचारधारा को आज तुम्हारी ललकारा है
बापु क्या ये देश तुम्हारा है?
सेवक तुम्हारा आज मैदान में खड़ा
तुम्हारे अपनोंसे ही पाला पड़ा,
फिर एक बार तुम्हारी विचारधारा को मारा है
बापु क्या ये देश तुम्हारा है?
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