दरिन्दो से जितना बचा, मैं उतना ही शेष हूँ,, मैं बलात्कार पीड़िता के जैसा, फिर आपके पांवो में पेश हूँ..!! सिसकियों और धमकियों का, सम्मिलित परिवेश हूँ,, फिर एक बार बिकने को बेबस, मैं तुम्हारा "उत्तर प्रदेश" हूँ..!!
कुछ दिनों से..... ये सोचे जा रहा हूँ,, इन रिश्तों के वास्ते, जाने क्या-क्या रहा हूँ...!! वो जब भी मर्ज़ी हुई..... तो पास आये,, उनके वास्ते मैं शायद..... कोठा रहा हूँ...!!