न जाने क्यों मैं देखता हूँ, रोज दफन होता एक बच्चा.. मैं देखता हूँ, रोज टुकड़े-टुकड़े मरता एक हिन्दुस्तानी सच्चा....!!!! न जाने क्यों मैं सपने देखता हूँ की इस जहाँ में, कोई एक ऐसा छोर होगा,, जहाँ न भीड़ होगी और न ही कोई शोर होगा...!!!! न जाने क्यों मैं निरंतर सपने देखता हूँ, की इस जहाँ में, एक ऐसा छोर होगा, जहाँ कोई न मेरे जैसा ओर होगा.........................!!! #क्या_कभी_होगा??